Saturday, 23 March 2013

आउल के बचपन की बात है .
आउल ने अपनी करमजली माँ एंटोनिया माइनो से पूछा की मम्मी में कैसे पैदा हुआ और आपको कैसे मिला ?
अब माइनो ने सोचा की ये तो अभी सिर्फ सात साल का है इसे क्या जवाब दू? क्योकि इसे सच बताया तो ये बिगड़ जायेगा.
माइनो ने कहा - बेटा मैंने एक मटके में मिटटी भरकर सात दिन के लिए गार्डन में रख दिया..और सात दिन भगवन से खूब प्रार्थना की..और उस मटके में से सात दिन बाद मुझे तू मिला..
अब आउल ने सोचा की मुझे भी बेटा चाहिए सो उसने भी ऐसा ही किया और मटके में मिटटी भरकर गार्डन में रख आया..
सात दिन बाद उसने जाकर देखा तो मटका तो टुटा हुआ है और उस मिटटी पर एक मेंढक बैठकर टर्र टर्र
कर रहा है...
आउल का उसे देखते ही दिमाग ख़राब हो गया...
आउल बोला- तेरी शकल देखकर जी तो करता है साले की तुझे गोली मार दू मगर क्या करू आखिर औलाद है तू मेरी...
पत्नी रात को पति से : जी लंच बन गया है, आ जाइए!!
पति : रात के खाने को लंच नहीं, डिन्नर कहते हैं!!
अगले दिन.. दोपहर में...
पत्नी : जी आइए, डिन्नर कर लीजिए!!
पति : अनपड़, जाहिल, दोपहर के खाने को लंच कहते हैं!!!
पत्नी : जाहिल तू.. तेरा खानदान.. ये रात का बचा हुआ खाना है!